सोसल नेटवर्क्स अलगाव (अलिय नेशन ) को बढ़ावा देने और बाजार व्यवस्था के वर्चश्व (हेजमनी ) को स्थापित करने का एक नया माध्यम पूरी दुनिया में उभरा है ,और भारत में खासतौर पर ,फेसबुक ,ट्विटर , गूगल प्लस जैसी सोसल नेट वर्किंग साइटों का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है । आम लोगों के लिए प्रचार के इस नए माध्यम को कई लोग एक वेब क्रांति मान रहे हैं , जो मानते हैं कि इसका सीधा राजनैतिक फायदा आम जनता को हो रहा है । इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है कि समाज के अंतर्विरोधों को बीच में लिए बगैर इस गुथी को समझना आसान नहीं है ।
2013 के आंकड़ों के हिसाब से भारत में लगभग 16 करोड़ इंटरनेट उपभोगता हैं और फेसबुक पर 9. 2 करोड़ पंजीकृत उपभोगकर्ता हैं जो अमेरिका के बाद दुसरे स्थान पर हैं । इनमें से 10 . 6 प्रतिशत 17 साल से कम उमर के हैं और 50 प्रतिशत 18 से 24 साल के हैं ।
2013 के आंकड़ों के हिसाब से भारत में लगभग 16 करोड़ इंटरनेट उपभोगता हैं और फेसबुक पर 9. 2 करोड़ पंजीकृत उपभोगकर्ता हैं जो अमेरिका के बाद दुसरे स्थान पर हैं । इनमें से 10 . 6 प्रतिशत 17 साल से कम उमर के हैं और 50 प्रतिशत 18 से 24 साल के हैं ।
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